Dr. Ashwini Kumar Ashraf: साहित्य, दर्शन और संगीत का संगम

डॉ. अश्विनी कुमार अशरफ़ एक प्रतिष्ठित शिक्षाविद्, दार्शनिक, और कवि हैं, जिन्होंने अपने जीवन को शिक्षा, दर्शन, और साहित्य के क्षेत्र में समर्पित किया है। वे बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय में दर्शनशास्त्र विभाग के पूर्व प्रमुख (HOD) के रूप में कार्यरत रहे हैं। उनका यूट्यूब चैनल, @ashwinikumarashraf, उनकी साहित्यिक और सांस्कृतिक अभिव्यक्तियों का मंच है, जहां वे अपनी ग़ज़लें, कविताएँ, और भजन प्रस्तुत करते हैं।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

डॉ. अशरफ़ का जन्म और पालन-पोषण बिहार में हुआ, जहां उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी की। बचपन से ही वे साहित्य और संगीत के प्रति आकर्षित थे, जिसने उन्हें आगे चलकर दार्शनिक और साहित्यिक क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने दर्शनशास्त्र में उच्च शिक्षा प्राप्त की और बाद में बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के रूप में कार्यभार संभाला।

शैक्षणिक करियर

बिहार विश्वविद्यालय में अपने कार्यकाल के दौरान, डॉ. अशरफ़ ने दर्शनशास्त्र विभाग के प्रमुख के रूप में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने छात्रों को न केवल शैक्षणिक ज्ञान प्रदान किया, बल्कि उन्हें नैतिक और सांस्कृतिक मूल्यों की भी शिक्षा दी। उनकी शिक्षण शैली और विषय पर उनकी गहरी समझ के कारण, वे छात्रों और सहकर्मियों के बीच अत्यंत सम्मानित थे।

साहित्यिक योगदान

डॉ. अशरफ़ की साहित्यिक यात्रा बहुआयामी है। वे उर्दू, हिंदी, और संस्कृत भाषाओं में कविताएँ और ग़ज़लें लिखते हैं, जो उनकी भाषाई दक्षता और सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाता है। उनकी रचनाएँ प्रेम, समाज, आध्यात्मिकता, और मानवता जैसे विषयों पर केंद्रित होती हैं।

ग़ज़लें और कविताएँ

उनकी ग़ज़लों में गहरी भावनाएँ और विचारशीलता झलकती है। उदाहरण के लिए, उनकी ग़ज़ल “उसके बारे में भी, यारो, कभी सोचा करना” में वे प्रेम और आत्मचिंतन के विषयों को छूते हैं। उनकी एक अन्य रचना, “तन्हाई की रातों जैसी, रात मिलन की लगती है”, में वे विरह और मिलन के भावों को व्यक्त करते हैं।

संस्कृत भजन

डॉ. अशरफ़ की विशेषता यह है कि वे संस्कृत में भी भजन प्रस्तुत करते हैं, जो उनकी बहुभाषी प्रतिभा का प्रमाण है। उनका “A Sanskrit Bhajan by an Urdu Poet” शीर्षक से प्रस्तुत भजन दर्शकों के बीच विशेष रूप से लोकप्रिय है। यह भजन उनकी सांस्कृतिक समन्वय और धार्मिक सौहार्द्र की भावना को प्रकट करता है।

यूट्यूब चैनल

उनका यूट्यूब चैनल, @ashwinikumarashraf, उनकी साहित्यिक और संगीत रचनाओं का संग्रह है। इस चैनल पर वे ग़ज़लें, कविताएँ, भजन, और शायरी प्रस्तुत करते हैं। उनके कुछ प्रमुख वीडियो में शामिल हैं:

  • “Sanskrit Ghazal | संस्कृत ग़ज़ल”: यह वीडियो दर्शकों के बीच अत्यधिक लोकप्रिय है, जिसमें उन्होंने संस्कृत भाषा में ग़ज़ल प्रस्तुत की है।
  • “Birthday Ghazal”: इस ग़ज़ल में वे जन्मदिन के अवसर पर विशेष भावनाएँ व्यक्त करते हैं।
  • “A Bhajan In The Style Of Ghazal”: इस वीडियो में उन्होंने ग़ज़ल की शैली में भजन प्रस्तुत किया है, जो उनकी नवाचारशीलता को दर्शाता है।

उनका चैनल साहित्य और संगीत प्रेमियों के लिए एक खजाना है, जहां वे नियमित रूप से नई रचनाएँ साझा करते हैं।

सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव

डॉ. अशरफ़ की रचनाएँ समाज में सांस्कृतिक समन्वय और धार्मिक सौहार्द्र को बढ़ावा देती हैं। वे विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों के तत्वों को अपनी रचनाओं में समाहित करते हैं, जिससे उनकी कविताएँ और ग़ज़लें एक व्यापक दर्शक वर्ग तक पहुँचती हैं। उनकी रचनाएँ प्रेम, शांति, और मानवता के संदेश को प्रसारित करती हैं, जो वर्तमान समय में अत्यंत महत्वपूर्ण है।

निष्कर्ष

डॉ. अश्विनी कुमार अशरफ़ एक बहुआयामी व्यक्तित्व हैं, जिन्होंने शिक्षा, साहित्य, और संगीत के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनकी रचनाएँ भाषाई समृद्धि, सांस्कृतिक समन्वय, और गहरी भावनाओं का प्रतीक हैं। उनका यूट्यूब चैनल उनकी साहित्यिक यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जहां वे अपनी रचनाएँ साझा करते हैं और दर्शकों के साथ संवाद स्थापित करते हैं। उनकी कविताएँ और ग़ज़लें समाज में प्रेम, शांति, और सौहार्द्र का संदेश फैलाती हैं, जो उन्हें एक सच्चे साहित्यकार और मानवतावादी बनाता है।

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Dr. Ashwini Kumar Ashraf: साहित्य, दर्शन और संगीत का संगम

1 thought on “Dr. Ashwini Kumar Ashraf: साहित्य, दर्शन और संगीत का संगम”

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